जंतर-मंतर पर नई शिक्षा नीति के खिलाफ इंडिया गठबंधन के छात्र संगठनों ने हजारों की संख्या में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने बैनर पकड़े हुए थे और उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उनकी मांगों में नई शिक्षा नीति को वापस लेने के अलावा कई अन्य मुद्दे शामिल हैं। इस प्रदर्शन में एनएसयूआई, एआईएसए, एसएफआई और समाजवादी छात्र सभा जैसे लेफ्ट छात्र संगठन भी भाग ले रहे थे। इस अवसर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यह टिप्पणी की कि सभी विश्वविद्यालयों में आरएसएस के वाइस चांसलर हैं।
एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी की अगुवाई में इंडिया अलायंस छात्र संगठन ने नई शिक्षा नीति 2020, यूजीसी ड्राफ्ट नियमों और पेपर लीक के खिलाफ जंतर मंतर पर संसद मार्च का आयोजन किया। इस मार्च में वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी शामिल हुए और उन्होंने छात्र संगठनों को संबोधित किया।
RSS को मिला शिक्षा का नियंत्रण, तो हो जाएगा देश बर्बाद- राहुल गांधी
दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर एनईपी 2020, यूजीसी ड्राफ्ट नियमों और पेपर लीक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। इस दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आरएसएस पर हमला करते हुए कहा कि यदि वे शिक्षा व्यवस्था पर पूरी तरह नियंत्रण पाते हैं, तो देश बर्बाद हो जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि इंडिया ब्लॉक के घटकों की विचारधाराओं में कुछ छोटे मतभेद हो सकते हैं, लेकिन वे देश की शिक्षा व्यवस्था पर कभी भी समझौता नहीं करेंगे।
राहुल गांधी ने शिक्षा नीति के खिलाफ प्रदर्शन में कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) देश के भविष्य और शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करना चाहता है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर शिक्षा व्यवस्था आरएसएस के हाथ में चली गई, तो देश की स्थिति गंभीर हो जाएगी और युवाओं को नौकरियां नहीं मिलेंगी।
उन्होंने छात्र संगठनों से अपील की कि वे छात्रों को सूचित करें कि भारतीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों पर RSS का दबदबा है और राज्य विश्वविद्यालयों की कुलपति नियुक्तियों में भी RSS की सिफारिश होगी। गांधी ने साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बेरोजगारी और महंगाई पर भी ध्यान देना चाहिए, न कि केवल अडानी और अंबानी को संसाधनों का लाभ पहुंचाने पर। उन्होंने साझा ध्यान और एकजुटता की बात करते हुए कहा कि शिक्षा व्यवस्था की रक्षा के लिए वे मिलकर लड़ेंगे और RSS को पीछे धकेलेंगे।









































